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6.25 Ratti Blue Sapphire Ring – (Energized – मंत्र द्वारा पवित्र/शुद्ध किया हुआ)

2,100.00

  • Net Weight (in gms):7
  • Product type:Ring
  • Stone Used:Sapphire
  • Secondary Stone Used:Sapphire
  • No. Of Coloured Stone:1
  • Coloured Stone Carat:5.70
  • Indian Standard Ring Size:Adjustable
  • Certification:Self certified
  • BIS Hallmark:No
  • Disclaimer:Product colour may slightly vary due to photographic lighting sources or your monitor settings
SKU: jy303 Category:

Description

नीला पुखराज रत्न

शनि ग्रह के बुरे प्रभाव और पीड़ा शांत करने के लिए नीलम (Neelam) या नीला पुखराज धारण करने की सलाह दी जाती है। नीलम को हीरे के बाद दूसरा सबसे सुंदर रत्न माना जाता है। इसे नीलमणि, सेफायर, इंद्र नीलमणि, याकूत, नीलम, कबूद भी कहा जाता है। कहा जाता है कि यह रत्न रंक को राजा और राजा को रंक बना सकता है।

नीला पुखराज के तथ्य (Facts of Neelam in Hindi)
* नीला पुखराज के बारे में मान्यता है कि जब इस रत्न को दूध में डाला जाए तो दूध भी नीला रंग धारण कर लेता है।
* कहा जाता है कि नीलम शुभ साबित हो तो मनुष्य के जीवन में खुशियों की बहार ला देता है। लेकिन अशुभ स्थिति में यह मनुष्य के लिए बहुत अहितकारी साबित होता है।

नीला पुखराज के लिए राशि (Blue Sapphire for Rashi)मकर तथा कुंभ राशि के जातकों के लिए नीलम या नीला पुखराज धारण लाभकारी साबित होता है। साथ ही जिन लोगों को शनि साड़ेसाती के प्रभावों से परेशानी हो रही हो उन्हें भी नीलम धारण करने की सलाह दी जाती है।

नीला पुखराज के फायदे (Benefits of Neelam)
* नीला पुखराज धारण करने से मन अशांत नहीं होता है।
* माना जाता है कि नीलम धारण करने से ज्ञान तथा धैर्य की वृद्धि होती है।
* नीलम वाणी में मिठास, अनुशासन तथा विनम्रता पैदा करता है।
* राजनेताओं और राजनीति से जुड़े लोगों के लिए नीलम लाभकारी माना जाता है। कहा जाता है कि इसे धारण करने से नेतृत्व क्षमता बढ़ती है।
* माना जाता है कि जो जातक तनाव तथा चिंताओं से घिरे हों उन्हें नीला पुखराज अवश्य धारण करना चाहिए।

स्वास्थ्य में नीला पुखराज का लाभ (Health Benefits of Blue Sapphire)
* ज्योतिषी मानते हैं कि लकवा, हड्डियों, दांतों और दमा की परेशानी से ग्रस्त रोगियों के लिए नीला पुखराज फायदेमंद हो सकता है।
* कहा जाता है कि नीला पुखराज पहनने से चर्म रोग तथा प्लेग जैसे बिमारियों से निजात मिलती है। ज्योतिषी शनि से प्रभावित रोगों और परेशानियों में भी नीलम या नीला पुखराज धारण करने की सलाह देते हैं।
कैसे करें नीलम धारण (How to Wear Blue Sapphire)
नीलम शनिवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है। विधिवत रूप से पूजा पाठ करने के बाद ही नीलम धारण करना चाहिए। अगर पहले कुछ दिनों में इसका विपरीत प्रभाव लगे तो रत्न को उतार देना चाहिए। नीलम के साथ कोई अन्य रत्न विशेषकर माणिक्य, मोती आदि नहीं पहनना चाहिए।
नीलम के उपरत्न (Substitutes of Blue Sapphire)
नीलम बेहद कीमती और कम पाया जाने वाला रत्न है। इसके उपलब्ध ना होने की दशा में एमेथिस्ट, ब्लैकस्टार, या ब्लू टोपाज धारण किया जा सकता है।

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