यदि रसोईघर उपयुक्त स्थान पर वास्तु के अनुसार रंगों और दिशाओं का चयन कर के बनाया गया है, तो इससे उत्पन्न होने वाली अनुकूल तरंगे गृहस्वामिनी को प्रसन्न एवं स्वस्थ्य रखेंगी। फल स्वरूप् पूरा परिवार सुख-शांति अनुभव करेगा।
एक भारतीय गृहिणी का सबसे अधिक समय जिस स्थान पर व्यतीत होता है, वह है उसका रसोईघर ! गृहिणी की दिनचर्या रसोईघर से ही प्रारंभ और रसोईघर में ही समाप्त होती है। रसोईघर पुरे घर का ह्रदय है, अतः रसोईघर का सुविधाजनक , आरामदेह एवं उपयोगी होना अत्यंत आवश्यक है।
पहले रसोईघर मकान के किसी अँधेरे कोने में बनाई जाती थी जो लकड़ी और पत्थर के कोयले के धुएं से काली कोठरी बन जाती थी । उसमे न हवा का आगमन उचित रूप से होता था, न ही रोशनी की समुचित व्यवस्था होती थी। इसका बुरा प्रभाव गृहिणी के स्वास्थ्य पर पड़ता था । खाँसी, दमा, क्षय आदि रोगों से उनका सामना शीघ्र ही हो जाता था। आँखों पर चश्मा चढ़ जाता था तथा कम आयु में ही मोतियाबिंद जैसे रोग का शिकार होना पड़ता था। किन्तु बदलते समय में लोगों में जागरूकता आई है। अब साफ-सुथरे, सुविधाजनक तथा वास्तु-अनुसार बनाई गई रसोईघर के महत्व को समझ जाने लगा है ।

आइये जाने आप का रसोईघर कैसा हो

(1) रसोईघर मकान के आग्नेय कोण में स्थित होना चाहिए। दूसरा विकल्प वह पूर्व क्षेत्र में हो सकता है।

(2) खाना बनाते समय गृहिणी पूर्वाभिमुखी या दक्षिणाभिमुखी हो सकती है। पश्चिम या उत्तराभिमुखी होकर भोजन बनाना अवांछनीय है। इसलिए रसोई- मंच ( kitchen slab ) पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर लगवाएं। रसोईघर की खिड़की पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर होनी चाहिए। गैस का चूल्हा ( Cooking range ) और गैस सिलेंडर आदि रसोईघर के आग्नेय कोण में रखना चाहिए। परंतु खाली सिलेंडर वायव्य में रख सकते हैं।

(3) रसोईघर के आग्नेय क्षेत्र में स्लैब, आलमारी आदि बनाना निषेध है।

(4) रसोईघर में बर्तन रखने की आलमारी नैऋत, दक्षिण या पश्चिम दिशा में बनवाएं।

(5) पानी का नल,पानी का भण्डारण, सिंक आदि ईशान कोण में रखें।

(6) हॉट प्लेट, ओवन, मिक्सी आदि उपकरणों को भी रसोईघर के आग्नेय क्षेत्र में रखना चाहिए।

(7) यदि रसोईघर मकान/ भवन के ईशान में है , तो परिणाम स्वरूप् गृहस्वामी को आर्थिक हानि का सामना करना होगा। गृहणी को मानसिक तनाव से गुजरना होगा।

(9) यदि रसोईघर नैऋत्य कोण ( दिशा ) में है तो घर में कलह आदि के कारण जीना दूभर हो जायेगा।

(10) यदि रसोईघर वायव्य कोण में है , तो खर्चे बढ़ जाते है। उन्नति के मार्ग में अनेक बाधाएं आती है। साथ ही अग्नि या गरम पानी आदि से जलने का भी भय रहता है।

(11) रसोई का उत्तर दिशा में होना अत्यंत अशुभकारी माना गया है। इससे रसोई का खर्च बहुत बढ़ जाता है। इसके कारण अप्रत्याशित खर्च भी होते हैं

(12) गैस बर्नर रसोईघर के दरवाजे के ठीक सामने नहीं होना चाहिए।

(13) हल्का सामान पूर्व अथवा उत्तर दिशा में रखा जाना चाहिए।

(14) रसोईघर में भारी सामान जैसे – अन्न, दालें, मसाले आदि के डब्बे इत्यादि दक्षिण अथवा पश्चिम क्षेत्र में रखे जाने चाहिए।

(15) यदि रसोईघर में रेफ्रिजरेटर भी रखा जाना हो, तो आग्नेय, दक्षिण-पश्चिम अथवा उत्तरी दिशा में रखना चाहिए। यदि इसे नैऋत्य कोण में रखा जायेगा तो यह अधिकांस समय खराब ही रहेगा।

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