लग्न व भाव साधन :-
दिनांक ८-४-२०१६ को सूर्योदय पूर्व में निकाला ६:२४:३९ माना इसी दिन जोधपुर में ६:४० बजे शाम के समय लडके का जन्म हवा इस के लग्नादी का साधन करते है
जन्म समय १८:४० -६:२४:३९ सूर्योदय =१२:१५:२१ *२.५=३०:३८:२३ इष्ट घट्यादी प्राप्त हुई
इस समय का सूर्य स्पष्ट =११:२५:०२:५२+ अयनांश पहले वाले उदाहरण से =२४:०५:00
=००:१९:०७:५२ सायन सूर्य हुवा
इष्ट घट्यादी ============३०:३८:२३
सा.सु.राशि ०० अंश १९ का मान ०२:१९:०५ {अक्षांश २६:१९ के पास वाली सारिणी २६:२०से}
सा.सु.राशि ०० कला०७ का मान + ००:५१:१४ {कलाविकला साधक सारिणी से }
सा.सु.राशि०० विकला५२ का मान + ०६:२०:३९ {कलाविकला साधक सारिणी से }
———————————————————————————————-
योग =================३२:५८:२५:३४:३९ इस को उसी सारिणी में ढूंडा
योग =================३२:५८:२५:३४:३९ तो राशि अंश
६ राशी १५ अंश मान – ३२:४९:१२
———————————————————————————————-
अंतर ================००:०९:१३:३४:३९ इस को कलाविकलासाधकसारिणीमें ढूंडा
तो ४९ कला =============- ०९:१२:४२
———————————————————————————————-
अंतर =================००:००:५२:३९
तो ०४ विकला =========== – ००:४५:०७
———————————————————————————————-
अंतर ===================००:०७:३२ त्याग दिया
हमारा अभीष्ट सायन लग्न ६:१५:४९:०४ हुवा
अयनांश ========== -२४:०५:००
———————————————————————————————-
अंतर ============५:२०:४४:०४ निरयण लग्न हुवा
ऊपर का जो ईस्ट युक्त योग है वह दश में काम आवेगा =३२:५८:२५:३४:३९
दशम भाव साधन :-
पूर्व का योग=================३२:५८:२५:३४:३९इस को दशम सारिणी में देखा
राशि ३राशि १६ अंश आये ======= -३२:५१:४४
———————————————————————————————-
अंतर =====================००:०६:४१:३४:३९ इस को कलाविकला साधक में ३७ कला आया =============== – ०६:३७:०८ ================== देखा
———————————————————————————————-
अंतर=======================००:०४:२६:३९
२४ विकला ==================== – ०४:१७:३६
———————————————————————————————-
अंतर ==========================००:०९:०३ त्याग दिया
अतः सायन दशम हुवा =३:१६:३७:२४
अयनांश ========== – २४:०५:००
———————————————————————————————-
अंतर निरयण दशम ===२:२२:३२:२४ +६ राशि =४ था भाव ८:२२:३२:२४
४ था भाव=========== ८:२२:३२:२४
हमारा अभीष्ट सायन लग्न ६:१५:४९:०४ हुवा
अयनांश ============ -२४:०५:००
———————————————————————————————-
अंतर ==============५:२१ :४४:०४ निरयण लग्न स्पष्ट हुवा |
४ था भाव=========== ८:२२:३२:२४
निरयण लग्न स्पष्ट=== – ५:२१ :४४:०४
———————————————————————————————-
अंतर ==============३:००:४८:२० भागित ६ {प्रथम षष्ठांश }=१५:०८:०३:२०
३०-१५:०८:०३:२०=१४:५१:५६:४० {द्वितीय षष्ठांश }
भाव साधन :-
१ ला भाव ==५:२१ :४४:०४ +६ राशि =७ वा भाव ११:२१:४४:०४
प्रथम षष्ठांश + १५:०८:०३:२०
——————————————————————————————-
संधि =====६:०६:५२:०७:२० +६ राश =७ की संधि ००:०६:५२:०७:२०
प्रथम षष्ठांश + १५:०८:०३:२०
——————————————————————————————
२ रा भाव ==६:२२:००:१०:४० +६ राशि =८ वा भाव ०:२२:००:१०:४०
प्रथम षष्ठांश + १५:०८:०३:२०
——————————————————————————————
संधि =====७:०७:०८:१४:०० +६ राश =८ की संधि १:०७:०८:१४:००
प्रथम षष्ठांश + १५:०८:०३:२०
——————————————————————————————
३ रा भाव ==७:२२:१६:१७:२० +६ राशि =९ वा भाव १:२२:१६:१७:२०
प्रथम षष्ठांश + १५:०८:०३:२०
——————————————————————————————
संधि =====८:०७:२४:२०:४० +६ राश =९ की संधि २:०७:२४:२०:४०
प्रथम षष्ठांश + १५:०८:०३:२०
—————————————————————————————–
४ था भाव ==८:२२:३२:२४:०० +६ राशि =१० वा भाव २:२२:३२:२४:००
द्वितीय षष्ठांश + १४:५१:५६:४०
—————————————————————————————–
संधि =====९:०७:२४:२०:४० +६ राश =१० की संधि ३:०७:२४:२०:४०
द्वितीय षष्ठांश + १४:५१:५६:४०
———————————————————————————————-
५ वा भाव ==९:२२:१६:१७:२० +६ राशि =११ वा भाव ३:२२:१६:१७:२०
द्वितीय षष्ठांश + १४:५१:५६:४०
———————————————————————————————
संधि =====१०:०७:०८:१४:०० +६ राश =११ की संधि ४:०७:०८:१४:००
द्वितीय षष्ठांश + १४:५१:५६:४०
———————————————————————————————
६ टा भाव==१०:२२:००:१०:४० +६ राशि =१२ वा भाव ४:२२:००:१०:४०
द्वितीय षष्ठांश + १४:५१:५६:४०
———————————————————————————————-
संधि =====११:०६:५२:०७:२० +६ राश =१२ की संधि ५:०६:५२:०७:२०
द्वितीय षष्ठांश + १४:५१:५६:४०
———————————————————————————————
७ वा भाव ==११:२१:४४:०४:०० +६ राशि =१ ला भाव ५:२१:४४:०४:००
यह उदाहरण मेरी पुस्तके “” विश्वदिनमान सारिणी “” तथा “” विश्वसायन लग्नासारिणी “”
से दिया है इन दोनों की सहायता से विश्व में किसी भी स्थान के सुर्योदयास्त लग्नादी १२ भाव साधन आदि कर सकते है

X