माघ गुप्त नवरात्रि 2017

प्रत्येक वर्ष आने वाले दो नवरात्रों से तो आप सभी लोग परिचित हैं लेकिन इनके अलावा प्रत्येक वर्ष दो और नवरात्री होती हैं जिन्हें गुप्त नवरात्री कहा जाता है। पूर्व काल में इनका ज्ञान केवल उच्च कोटि के साधकों को होता था जो इस समय का उपयोग विशिष्ट साधनाओं को सम्पन्न करने में किया करते थे।
गुप्त नवरात्र में पूजा, उपासना सामान्य नवरात्रों के समान ही होती हैा तान्त्रिक समाज में इन नवरात्रों का बहुत ही महत्व है, जो इस समय की लगातार प्रतिक्षा करतें हैं।

2017 Magha Gupta Navratri Dates
28 January 2017 ( Saturday ) Pratipada Ghatasthapana Shailputri Puja
29 January 2017 ( Sunday) Dwitiya Brahmacharini Puja
30 January 2017 ( Monday ) Tritiya Chandraghanta Puja
31 January 2017 ( Tuesday ) Chaturthi Kushmanda Puja
01 February 2017 ( Wednesday ) Panchami Skandamata Puja
02 February 2017 ( Thursday ) Shashthi Katyayani Puja
03 February 2017 ( Friday) Saptami Kalaratri Puja
04 February 2017 ( Saturday) Ashtami Durga Ashtami Mahagauri Puja Sandhi Puja
05 February 2017 ( Sunday) Navami Siddhidatri Puja
06 February 2017 ( Monday) Dashami Navratri Parana
28 जनवरी 2017 ( शनिवार ) घट स्थापना, शैलपुत्री पूजा
29 जनवरी 2017 ( रविवार ) द्वितीया ब्रह्मचारिणी पूजा
30 जनवरी 2017 ( सोमवार ) तृतीया चंद्रघंटा पूजा
31 जनवरी 2017 ( मंगलवार) चतुर्थी कुष्मांडा पूजा
01 फरवरी 2017 ( बुधवार ) पंचमी स्कंदमाता पूजा
02 फरवरी 2017 ( गुरुवार) षष्ठी कात्यायनी पूजा
03 फरवरी 2017 ( शुक्रवार) सप्तमी कालरात्रि पूजा
04 फरवरी 2017 ( शनिवार ) अष्टमी महागौरी पूजा, दुर्गा महा अष्टमी पूजा,
05 फरवरी 2017 ( रविवार ) नवमी सिद्धिदात्री पूजा
06 फरवरी 2017 ( सोमवार ) दशमी नवरात्री परायण

*क्या है गुप्त नवरात्र*

हिन्दू धर्म में नवरात्र मां दुर्गा की साधना के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं। नवरात्र के दौरान साधक विभिन्न तंत्र विद्याएं सीखने के लिए मां भगवती की विशेष पूजा करते हैं। तंत्र साधना आदि के लिए गुप्त नवरात्र बेहद विशेष माने जाते हैं। आषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहा जाता है। इस नवरात्रि के बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी होती है।

मान्यतानुसार गुप्त नवरात्र के दौरान अन्य नवरात्रों की तरह ही पूजा करनी चाहिए। नौ दिनों के उपवास का संकल्प लेते हुए प्रतिप्रदा यानि पहले दिन घटस्थापना करनी चाहिए। घटस्थापना के बाद प्रतिदिन सुबह और शाम के समय मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन के साथ नवरात्र व्रत का उद्यापन करना चाहिए।

*गुप्त नवरात्रि का महत्त्व*

देवी भागवत के अनुसार जिस तरह वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं और जिस प्रकार नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है, ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्त्व रखती है। इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं।

*गुप्त नवरात्रि की प्रमुख देवियां*

गुप्त नवरात्र के दौरान कई साधक महाविद्या (तंत्र साधना) के लिए
मां काली,
तारा देवी,
त्रिपुर सुंदरी,
भुवनेश्वरी,
माता छिन्नमस्ता,
त्रिपुर भैरवी,
मां ध्रूमावती,
माता बगलामुखी,
मातंगी और
कमला देवी की पूजा करते हैं।

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