मत्स्य पुराण के अनुसार एक वृक्ष का महत्व —–
10 कुँए = 1 बावड़ी
10 बावड़ी = 1 तालाब
10 तालाब = 1 पुत्र
और
10 पुत्रो = “—– 1वृक्ष ——”
जहाँ भी सम्भव हो
कोई भी जगह देखकर
कोई भी जगह ढूंढ कर
कोई भी जगह निश्चित कर
दिखावटी , ऑर्नामेंटल पोधे, पेड़ ना लगाकर
भारत के पारंपरिक छायादार फलदार पीपल, बरगद, नीम,शीशम, अर्जुन, जामुन, गूलर आदि वृक्ष लगाइये।
ये ने केवल हमे छाया व “जीवनदायनी ऑक्सीजन” देते हैं अपितु जीव जन्तुओ व पक्षियो को आसरा व भोजन भी।
और उन्हें रक्षित कर, उन्हें पोषित कर प्रकृति का थोडा बहुत ऋण उतारिये।
वृक्ष लगाइये, पृथ्वी बचाइये।
इस वर्षा ऋतू मे कम से कम एक व्रक्ष लगाने व उसे पालने का प्रयास करें।

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