गुप्त नवरात्र 28 से, इन 9 दिनों में होती हैं गुप्त साधनाएं –
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एक वर्ष में चार नवरात्र होते है, लेकिन आमजन केवल दो नवरात्रि (चैत्र व शारदीय नवरात्रि) के बारे में ही जानते हैं. इनके अलावा माघ व आषाढ़ मास में भी नवरात्रि का पर्व गुप्त रूप से मनाया जाता है. इसलिए इन्हें गुप्त नवरात्र कहते हैं.
वर्ष के प्रथम मास अर्थात चैत्र में प्रथम नवरात्र होती है. चौथे माह आषाढ़ में दूसरी नवरात्रि होती है. इसके बाद अश्विन मास में प्रमुख नवरात्रि होती है. इसी प्रकार वर्ष के ग्यारहवें महीने अर्थात माघ में भी गुप्त नवरात्र मनाने का उल्लेख एवं विधान देवी भागवत तथा अन्य धार्मिक ग्रंथों में मिलता है.
अश्विन मास की नवरात्रि सबसे प्रमुख मानी जाती है. इस दौरान गरबों के माध्यम से माता की आराधना की जाती है. दूसरी प्रमुख नवरात्र चैत्र मास की होती है. इन दोनों नवरात्रियों को क्रमश: शारदीय व वासंती नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है. इसके अतिरिक्त आषाढ़ तथा माघ मास की नवरात्रि गुप्त रहती है. इसके बारे में अधिक लोगों को जानकारी नहीं होती, इसलिए इन्हें गुप्त नवरात्रि कहते हैं.
गुप्त नवरात्र का महत्त्व –
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देवी भागवत के अनुसार जिस तरह वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं और जिस प्रकार नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है, ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है.
गुप्त नवरात्र विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्त्व रखती है. इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं. इस दौरान लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं. परंतु सामान्य जन को मां दुर्गा की साधना व मंत्रो का जप करना करना लाभप्रद होता है.
गुप्त नवरात्रि की प्रमुख देवियां –
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1. मां काली
2. तारा देवी
3. त्रिपुर सुंदरी
4. भुवनेश्वरी
5. माता छिन्नमस्ता
6. त्रिपुर भैरवी
7. मां ध्रूमावती
8. माता बगलामुखी
9. मातंगी और कमला देवी
गुप्त नवरात्र 2017 –
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इस बार माघ मास के गुप्त नवरात्र 28 जनवरी 2017 से लेकर 06 फरवरी 2017 तक रहेगे. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 09:33 बजे 10:47 बजे तक है.
गुप्त नवरात्र पूजा विधि –
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मान्यतानुसार गुप्त नवरात्र के दौरान अन्य नवरात्रों की तरह ही पूजा करनी चाहिए. नौ दिनों के उपवास का संकल्प लेते हुए प्रतिप्रदा यानि पहले दिन घट स्थापना करनी चाहिए. घटस्थापना के बाद प्रतिदिन सुबह और शाम के समय मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए. अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन के साथ नवरात्र व्रत का उद्यापन करना चाहिए.
गुप्त नवरात्रि उपायो के लिए बहुत ही उत्तम समय –
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गुप्त नवरात्रि में किए गए सभी प्रयोग शीघ्र ही फल देते हैं.
उपाय 1 –
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गुप्त नवरात्रि में पडऩे वालेशुक्रवार को रात 10 बजे के बाद सभी कार्यों से निवृत्त होकर उत्तर दिशा की ओर मुख करके पीले आसन पर बैठ जाएं। अपने सामने तेल के 9 दीपक जला लें। ये दीपक साधनाकाल तक जलते रहने चाहिए। दीपक के सामने लाल चावल की एक ढेरी बनाएं फिर उस पर एक श्रीयंत्र रखकर उसका कुंकुम, फूल, धूप, तथा दीप से पूजन करें। उसके बाद एक प्लेट पर स्वस्तिक बनाकर उसे अपने सामने रखकर उसका पूजन करें। श्रीयंत्र को अपने पूजा स्थल पर स्थापित कर लें और शेष सामग्री को नदी में प्रवाहित कर दें। इस प्रयोग से धनागमन होने लगेगा।
उपाय 2 –
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धूप दीप प्रसाद माता को अर्पित करें
रुद्राक्ष की माला से 11 माला इस मंत्र जप करें. तथा पेठे का भोग लगाएं.
मंत्र- ॐ ह्रीं सर्वैश्वर्याकारिणी देव्यै नमो नम:
उपाय 3 –
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यदि किसी के विवाह में बाधा आ रही है तो गुप्त नवरात्रि में पडऩे वाले गुरुवार के दिन केले की जड़ थोड़ी काटकर ले आएं और इसे पीले कपड़े में बांधकर लडका या लड़की के गले में बांध दें। शीघ्र ही विवाह हो जाएगा।
उपाय 4-
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यदि आपके बच्चे को अक्सर नजर लगती है तो गुप्त नवरात्रि के दौरान हनुमानजी के मंदिर में जाकर हनुमानचालीसा का पाठ करें और हनुमान जी के दाहिने पैर का सिंदूर बच्चे के मस्तक पर लगाएं। बच्चे को नजर नहीं लगेगी।
उपाय – 5
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यदि नौकरी नहीं मिल रही है तो गुप्त नवरात्र के रविवार के दिन से लगातार 5 रविवार तक भैरवजी के मंदिर जाकर नौकरी प्राप्ति की प्रार्थना करें व नैवेद्य चढ़ाएं। इससे नौकरी से संबंधित आपकी सभी समस्याएं हल हो जाएंगी।
उपाय – 6
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धन प्राप्ति के लिए गुप्त नवरात्र मे शुक्रवार के दिन लक्ष्मी-नारायण के मंदिर में जाकर केशर युक्त खीर व मिश्री का प्रसाद चढ़ाएं व शुक्रवार के दिन 9 वर्ष तक की कन्याओं को उनकी पसंद का भोजन कराएं। हो सके तो उन्हें कुछ उपहार भी दें।ये प्रयोग लगातार 11 शुक्रवार तक करेl
उपाय -7
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यदि किसी बीमार व्यक्ति का रोग ठीक ना हो रहा हो तो गुप्त नवरात्र मे गुरुवार के दिन उसके तकिये के नीचे सहदेई और पीपल की जड़ रखने से बीमारी जल्दी ठीक होती है ।
उपाय – 8
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यदि परिवार के सदस्यों में आये दिन झगड़े हो पती पत्नी मे नही बनती
हों, या परिवार में कलह हो तो परिवार का मुखिया या जिस स्त्री का पति उसे प्रेम ना करता हो वो स्त्री गुप्त नवरात्र मे शुक्रवार की
रात्रि मे अपने पलंग के नीचे एक लोटा जल मे 3 छुहारे रख दे
और शनिवार को सुबह स्नान, घर की पूजा बाद “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:” मन्त्र का जाप
करते हुए वह जल पीपल को चढ़ायें। यह प्रयोग लगातार 7 बार करने से परिवारिक एवं पति पत्नी की
कलह दूर होती है,एवं घर में प्रेम और शान्ति का वातावरण बनता है ।
उपाय – 9
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अपने घर की चाह रखने वाले जातक गुप्त नवरात्र मे बुधवार से शुरु कर नित्य प्रात: स्नान कर गणेशजी को दूर्वा और एक लाल फूल चढ़ाएं। ऐसा लगातार 21 दिन तक करते हुए
भगवान श्री गणेश जी से अपने घर की समस्या के निवारण के लिए प्रार्थना करें।
उपाय -10
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संतान सुख के लिए स्त्री गुप्त नवरात्र के प्रथम गुरुवार से गेंहू के आटे की 2
मोटी लोई बनाकर उसमें भीगी चने की दाल और थोड़ी सी हल्दी मिलाकर नियमपूर्वक गाय को
खिलाएं …शीघ्र ही उसकी गोद भर जाएगी ।
उपाय – 11
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गुप्त नवरात्र मे मंगलवार से प्रारम्भ कर
1 – “ॐ ऋण-मुक्तेश्वर महादेवाय नमः”
2 – “ॐ मंगलमूर्तये नमः।”
3 – “ॐ गं ऋणहर्तायै नमः।”
इनमे से किसी भी मन्त्र का रोज कम से कम एक माला 108 बार के जप से व्यक्ति को अति शीघ्र कर्जे
मुक्ति मिलती है